◾️खेलने के दौरान बेहोश हो गई थी शांति, नहीं मिल पाया एम्बुलेंस
◾️कोंडागांव से रायपुर रेफर किया गया था आदिवासी युवती को
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग ले रही एक आदिवासी युवती की कबड्डी खेलते – खेलते मौत हो गई. खेलने के दौरान बेहोश होकर गिरी इस युवती को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल पाया. इसकी वजह से उसका समय रहते ईलाज नहीं हो सका और रायपुर में उसने दम तोड़ दिया. बताते हैं कि छत्तीसगढ़िया ओलाम्पिक के दौरान बस्तर संभाग में मौत की यह दूसरी घटना है.
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य की ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे लाने तथा छत्तीसगढ़ के खो खो, कबड्डी, गिल्ली डंडा, पिट्ठूल, भौरा, बांटी, कुर्सी दौड़ समेत अन्य लुप्त हो रहे पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने की मंशा के साथ राज्य के गांवों छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन की जिम्मेदारी राजीव गांधी युवा मितान क्लब को सौंपी गई है. बस्तर संभाग में छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन का दौर लगातार जारी है. इसी क्रम में राजीव गांधी युवा मितान क्लब कोंडागांव जिला इकाई द्वारा कोंडागांव जिले के एक गांव में ऐसे ही खेलों का आयोजन किया गया था.
प्रतियोगिताएं युवकों, युवतियों और महिलाओं के लिए अलग अलग वर्गों में संचालित की जा रही थीं. युवतियों की कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान शांति मंडावी नाम की आदिवासी युवती बेहोश होकर गिर पड़ी। कोंडागांव के सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन बिगड़ी हालत में होने की बात कहकर एम्बुलेंस नहीं भेजा गया. इसके शांति के परिजन उसे निजी वाहन से कोंडागांव अस्पताल लेकर गए. कोंडागांव अस्पताल के डॉक्टरों ने शांति को रायपुर रेफर कर दिया. शांति को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रात 11 बजे उसकी मौत हो गई।
◾️परिजनों का आरोप
मृतका शांति मंडावी के परिजनों का कहना है कि समय पर सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिली। कोंडागांव सरकारी अस्पताल में संपर्क करने पर एम्बुलेंस ख़राब होने की बात कही गई. इसके चलते शांति को समय रहते चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पाई. नतीजतन शांति की मौत हुई है. सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेलों में भाग लेने के दौरान इससे पहले भी बस्तर संभाग में एक अन्य प्रतिभागी की मृत्यु हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर यह बताना भी जरुरी है कि बस्तर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा का बड़ा बुरा हाल है. ख़ासकर एम्बुलेंस सेवा बेहद ही लचर है. आपात परिस्थितियों में एम्बुलेंस बुलाने के लिए संपर्क करने पर कभी तकनीकी खराबी होने तो कभी डीजल ना होने की जानकारी देकर एम्बुलेंस भेजने में असमर्थता जता दी जाती है.